संता को अपने घर के छोटे से बगीचे में काम करने का बड़ा शौंक था। रोज़ दफ्तर से लौटने के बाद वह अपने छोटे से बगीचे में जुट जाता था। एक दिन संता रोज़ की तरह अपना शौंक पूरा कर रहा था तो घर के बाहर एक कार आ कर रुकी जिसमे से एक औरत ने उतर कर संता को पुकारा, "सुनो, तुम यहाँ क्या लेते हो? तुम मेरे साथ चलो मैं तुम्हें यहाँ से ज्यादा दूंगी।" संता: नहीं मैडम, आप नहीं दे पाओगी। इस घर की मालकिन रात को मुझे अपने साथ सोने देती है! |