एक आदमी की मौत हो गयी और उसे अपने कर्मों की कारण नर्क की प्राप्ति हुई। उसने वहाँ जाकर देखा कि हर देश के लिए अलग-अलग नर्क है। वह सबसे पहले अमरीकन नर्क में गया और पूछा कि,"यहाँ आत्माओं को किस तरह पीड़ा दी जाती है।" उसे बताया गया कि पहले तो वो आपको बिजली की कुर्सी के साथ बांध देते हैं, फिर उसमे करंट छोड़ दिया जाता है, फिर कीलों के बिस्तर पर नंगा लिटा दिया जाता है और फिर अमरीकन जल्लाद आता है और दिन भर कोड़े मारता है। आदमी यह सुनकर बहुत भयभीत हो गया और आगे बढ़ गया। आगे जाकर उसने अलग-अलग देशों के सभी नर्क देखे लेकिन सभी जगह लगभग एक ही तरह की सजा दी जाती थी। घूमते-घूमते वो आदमी आखिर कर भारतीय नर्क पहुंचा। वहाँ उसने देखा कि आत्माओं की लम्बी कतारें लगी हुई थी। हैरान होकर उसने वहाँ भी सजा के बारे में पूछा कि यहाँ किस प्रकार की सजा दी जाती है जो इतनी लम्बी कतार बना कर सब यही खड़े हुए हैं? उसे बताया गया कि, "यहाँ सबसे पहले आपको बिजली की कुर्सी के साथ बांध देते हैं फिर उसमे करंट छोड़ दिया जाता है, फिर आपको कीलों के बिस्तर पर नंगा लिटा दिया जाता है और फिर भारतीय जल्लाद आता है और दिन भर आपको कोड़े मारता है।" आदमी परेशान होकर बोला कि, "ऐसी ही सजा तो बाकी सारे देशों के नर्क में भी मिलती है पर वहाँ तो इतनी भीड़ नहीं है पर यहाँ इतनी भीड़ क्यों है?" तो किसी ने उसकी परेशानी दूर की और उसे इसका कारण बताया कि, "क्योंकि यहाँ भीड़ के कारण बदहाली है, मैन्टेन्स भी ठीक नहीं है, बिजली भी आती नहीं जिस कारण करंट वाली कुर्सी काम में नहीं आती, कीलों वाले बिस्तर से लोग कीलें चुरा कर ले गए हैं और कोड़े लगाने वाले जल्लाद भी कम हैं और वो भी आकर अपनी हाज़िरी लगा कर कैंटीन में चले जाते हैं, जिस कारण यहाँ लोग बस चक्कर ही काटते रहते हैं और घर जैसा महसूस करते हैं!" |