कभी तो मायके जाओ ना बीवी; सुख का आभास कराओ ना बीवी; साथ रह-रह कर अब पक चुके हैं; बातें सुन-सुन कर अब थक चुके हैं; पार्टियों मे जाने का दिल करता है; ठंडे शावर मे नहाने का दिल करता है; कभी तो मायके जाओ ना बीवी; सुख का आभास कराओ ना बीवी; सिगरेट-विगरेट और दो पैग लगाने का दिल करता है; पुरानी कोई गर्लफ्रेंड से मिलने-मिलाने का दिल करता है; कभी तो कुछ तरस खाओ ना बीवी; कभी तो मायके जाओ ना बीवी; मेरे सपने सारे सुला दिये हैं; मेरे अपने सारे भुला दिये हैं पुराने यार सज्जन सब छुड़ा दिये हैं; सब रिश्ते-नाते तुड़ा दिये हैं; मेरे ससुराल से भी रिश्ता मेरा तुडवाओ ना बीवी; कभी तो मायके जाओ ना बीवी; सुख का आभास कराओ ना बीवी; |