रात 2 बजे बंता के घर की घंटी बजी। उसने गहरी नींद से उठ कर दरवाज़ा खोला। दरवाज़े पर पप्पू खड़ा था। पप्पू ने बंता से गुज़ारिश की, "प्लीज़, धक्का लगा दोगे क्या?" बंता नींद में था तो बोला, "नहीं।" बंता ने दरवाज़ा बंद किया और वापिस अंदर आ गया। फिर उसे यह सोचकर बुरा लगा कि अगर इतनी रात को कोई उसकी मदद करने से इनकार कर देता तो उसे कैसा लगता। यह सोचकर वह वापस गया और दरवाज़ा खोला लेकिन उसे पप्पू नहीं दिखा, पर फिर भी उसने आवाज़ लगाई, "कहां गए तुम? धक्का चाहिए क्या?" पप्पू ने जवाब दिया: हाँ। बंता: पर तुम हो कहाँ? . . . . . . पप्पू: यहां गार्डन में झूले पर! |