बंता एक दिन अपने आप ही घर की बत्ती ठीक कर रहा था, तो उसने अपनी बीवी को आवाज़ लगाई, "प्रीतो, सुनती हो"। प्रीतो: क्या है? बंता: अरे जरा इधर तो आ। प्रीतो: लो आ गई, बोलो। बंता: ये दो तारें है, इनमें से जरा कोई एक को पकड़ो। प्रीतो: क्यों? बंता: अरे पकड़ तो सही। प्रीतो: लो, पकड़ ली एक तार। बंता: कुछ नहीं हुआ? प्रीतो: नहीं। बंता: अच्छा! तो इसका मतलब करंट दूसरी तार में है। |