वक़्त-वक़्त की बात है!

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    बंता: प्रीतो और मैं तलाक ले रहे है।

    संता हैरान होते हुए, "क्यों क्या हुआ तुम दोनों तो बहुत अच्छे से रहते हो।"

    बंता: जब से हम लोगों ने शादी की है तब से प्रीतो मुझे बदलने की कोशिश में लगी हुई है, सबसे पहले उसने मुझे शराब पीने से रोका, फिर सिगरेट फिर इधर-उधर आवारा घूमने से। उसने मुझे सिखाया कि अच्छे कपड़े कैसे पहनते है, उसने मुझे संगीत और कला के प्रति रूचि आदि सब सिखाये और स्टॉक मार्केट में कैसे निवेश करना है ये सब भी उसी ने सिखाया।

    संता ने कहा, "क्या तुम बस इसलिए नाराज हो कि उसने तुम्हें बदलने के लिए ये सब किया।"

    बंता: अरे मैं नाराज नहीं हूँ, मैं अब काफी सुधर चुका हूँ तो अब वो मुझे अपने लायक नहीं लगती।
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