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    एक कंजूस आदमी जिंदगी भर अपने पुत्रों को कम से कम खर्च करने की हिदायतें देता रहा था। जब वह मरणासन्न स्थिति में पहुंच गया तो पुत्र आपस में मशवरा करने लगे कि किस प्रकार पिता की इच्छा के अनुसार कम से कम खर्च में उनकी अंतिम यात्रा निपटाई जाए।

    एक ने कहा, "ऐम्बुलेंस में ले जाया जाए।"

    दूसरे ने कहा, "नहीं, ऐम्बुलेंस बहुत मंहगी होगी। ठेलागाड़ी में ले चलते हैं।"

    तीसरे ने कहा, "क्यों न साइकिल पर बांधकर ले चलें?"

    यह सब सुनकर कंजूस से रहा नहीं गया। उठकर बोला, "कुछ मत करो, मेरा कुर्ता और जूते ला दो। मैं पैदल ही चला जाऊंगा।"
  • पागलपन की हद! एक पागलखाने में दो पागल थे। एक दिन जब वे दोनों पागलों के लिये बनाये गये नहाने के तालाब के किनारे टहल रहे थे तभी अचानक एक का पैर फिसल गया और वह पानी में जा गिरा।
    उसे तैरना नहीं आता था लिहाजा वह डूबने लगा। अपने दोस्त को डूबते देख...
  • रेल ड्राइवर की समझदारी! एक रेलगाड़ी चलते चलते अचानक पटरी से उतरकर आजू-बाजू के खेतों में घुस गई और फिर से वापस पटरी पर आ गई।
    सारे यात्री डर के मारे सहम गए।
    अगले ही स्टेशन पर रेलगाड़ी के चालक को...
  • मरने की चाहत! बुजुर्ग पति-पत्नी एक साथ गुज़र गए। जब ऊपर पहुँचे तो चित्रगुप्त ने बहीखाता देख कर एक दूत से कहा, "इन्हें स्वर्ग में ले जाओ।"
    दूत उन्हें स्वर्ग में ले गया। एक आलीशान बंगले में ले जाकर बोला, "आप दोनों यहां रहेंगे। यहां हर तरह का आराम है। हर तरह की सुविधा उपलब्ध...
  • बारिश के लिए निवेदन! सेवा में,
    श्रीमान इंद्र देव महोदय,
    अध्यक्ष,
    वर्षा विभाग,
    विषय: वर्षा सही समय पर उपलब्ध करवाने बाबत।
    श्रीमान जी...
  • सेर को सवा सेर! एक कंजूस आदमी जब मरने लगा तो उसने अपने तीनों बेटों को बुलाया और बोला, "मैंने हमेशा लोगों को यह कहते सुना है कि मरने के बाद आदमी के साथ कुछ भी नहीं जाता। लेकिन मैं इस धारणा को गलत साबित कर दूंगा। मेरे पास कुल तीस लाख रुपये हैं। मैं तुम तीनों को एक-एक लिफाफा दूंगा जिनमें से हरेक में दस लाख रुपये होंगे। मैं चाहता हूं कि मुझे दफनाते समय तुम लोग ये रुपये...