घोडा रेस में बिक रहा है; वकील केस में बिक रहा है; अदालत में जज बिक रहा है; वर्दी में फर्ज बिक रहा है; यहाँ सब कुछ बिक रहा है; मज़बूरी में इंसान बिक रहा है; जुल्म का हैवान बिक रहा है; पैसों की खातिर ईमान बिक रहा है; गरीबों का प्राण बिक रहा है; यहाँ सब कुछ बिक रहा है; गेट का संत्री बिक रहा है; पार्टी का मंत्री बिक रहा है; खिलाडी खेल में बिक रहा है; कानून जेल में बिक रहा है; यहाँ सब कुछ बिक रहा है; पर आज ऐसी हालत होते हुए भी सिर्फ हमारा माल नहीं बिक रहा है। बहुत मंदी है। All Business Association |