बंता: अरे यार संता तुम जो तोता लाये थे, कैसा है वो? संता: क्या बताऊँ यार कल हमारा तोता पेट्रोल पी गया। बंता: अरे, फिर क्या हुआ? संता: होना क्या था तड़पा, चीखा, फड़फड़ाया, उड़ा तो छत से जा कर टकराया, फिर कई बार कमरे में गोल- गोल उड़ा और कई बार चारों दीवारों से टकराया। बंता: फिर? संता: फिर उड़ कर हॉल में पहुंच गया। वहां भी अंधों की तरह खूब टककरें मारीं। फिर किचन में पहुंच गया। वहां तो बहुत ही तड़पा, कई बर्तन फोड़ दिए। फिर बैडरूम में पहुंचा तो सीधा जाकर ड्रेसिंग टेबल के शीशे से टकराया। शीशा चकनाचूर हो गया और उन्ही टुकड़ों में वो भी फर्श पर ढेर हो गया। बंता: ओह, फिर मर गया? संता: नहीं मरा तो नहीं पर मुझे लगता है पेट्रोल ख़त्म हो गया होगा। |