एक बार एक शिकारी भालू का शिकार करने की सोचता है। वह अपनी बंदूक और बाकी सामान लेकर जंगल पहुँच जाता है। काफी देर भटकने के बाद उसे एक भालू नज़र आता है। पर भालू बहुत ही चालाक था। वो एक तरफ की झाड़ियाँ हिला कर दूसरी तरफ चला जाता। जब शिकारी उन झाड़ियों में गोली चलाने वाला था तो भालू पीछे से आकर उसकी गांड मार कर चला गया। शिकारी रोता-पीटता घर आ गया पर अगले दिन फिर शिकार करने जंगल में पहुँच गया। अब की बार भी भालू ने एक तरफ की झाड़ियाँ हिलाई और दूसरी तरफ भाग गया। जब शिकारी फिर झाड़ियों में गोली चलाने वाला था तो भालू पीछे से आकर उसकी गांड मार कर चला गया। शिकारी बहुत गुस्से में आ गया। उसने फैंसला किया कि कल वो जंगल में आग लगा देगा। यह सोच वो वापस घर चला गया और अगले दिन जंगल में आग लगाने के लिए पूरी तैयारी करके आ गया। उसने जंगल में आग लगा दी और अपनी पैंट खोल कर चिल्लाने लगा, "आ आज मेरी गांड मार।" यह सुनकर भालू पीछे से आया और शिकारी की गांड पर ज़ोर से लात मारी और बोला, "भोसड़ी के, यहाँ जंगल में आग लगी हुई है और तुझे गांड मरवाने की पड़ी है।" |