1. गांड मराये बेगम दंड भरे गुलाम - मतलब किसी के गुनाह की सजा किसी दूसरे को देना यानि चोरो का दंड फकीरों को। 2. झांट उखाड़ने से मुर्दे हलके नहीं होते - यानि किसी भारी काम को बहुत थोड़ा प्रयास करने से कुछ नहीं होता जैसे ओस चाटने से प्यास नहीं बुझती। 3. तेली का तेल जले मशालची की गांड जले - यानि किसी दूसरे के फटे में टांग अडाना या दखल अंदाजी करना। 4. हाथी के लंड से बाँधना - मतलब किसी लम्बे काम में लगाना या बे-फ़ालतू का व्यस्त कर देना। 5. सफ़ेद झांट होना - यानि बिना कीमत का या मूल्यहीन होना। 6. साथ भी सोये और गांड भी छुपाये - मतलब बिना कुछ खोये कुछ पाने की आशा करना। 7. शेर का लंड पकड़ना - यानि किसी ऐसे काम में उलझना जिससे छुटकारा पाना भी मुश्किल और करना भी मुश्किल। 8. चुदाई के उतने ना मिले जितने के कपडे फट गए - इसका अर्थ किसी ऐसे काम से है जिसमे बहुत मेहनत हो और प्रतिफल बहुत कम। 9. पेल्हड़ कितना भी बढे, रहेगा लौडे के नीचे ही - नीच कितना भी बढे, उच्च विचार वाले के तले ही रहेगा। 10. लंड साला टट्टों पर ही झुकेगा - मतलब किसी की प्रकृति पर ही आना जैसे पानी नीचे ही गिरेगा या नीच आदमी नीचता ही करेगा। 11. देवर को नहीं देगी खूंटे से फडवा लेगी - मतलब किसी का भला नहीं सोचने वाला जो किसी वस्तु को व्यर्थ बर्बाद कर देगा पर किसी दूसरे को नहीं देगा। 12. नाम बसंती शक्ल चुतिया - इस का अर्थ समझाने के लिए एक दूसरी लोक उक्ति है, झांट मान झौंपड़ी, तारागढ़ नाम, आशा है समझ गए होंगे। 13. पकड़ने का पता नहीं और मुठ का ठेका - यह वाक्य उस वक्त के लिए है जब कोई बिना अनुभव वाला किसी अनुभव की आवश्यकता वाले की जगह को ले लेता है। 14. जिसकी चुदाई में फटे वो बच्चे क्या ख़ाक पैदा करे - मतलब लगभग ऊपर वाली कहावत जैसा ही है बस सूक्ष्म अंतर है। 15. गांड में दम नहीं हम किसी से कम नहीं - यह उक्ति ऐसे समय के लिए है जब कोई व्यर्थ की ताल ठोके। 16. और काम कल के, गीत गांड के बल के - मतलब गीत गाने को छोड़कर बाकी सारे काम कला अर्थात दिमाग से होते है लेकिन गीत गाने के लिए गांड में दम जरूरी है। 17. गाड़ में टट्टी नहीं, सूअर को न्योता - अपनी हैसियत से बहुत ज्यादा बढ़-चढ़ कर कोई कार्य करना। |