रविवार के दिन पति देव थोड़ी देरी से उठे और उठते ही बोले, "आज तो बड़ी गर्मी है, ठन्डे-ठन्डे पानी से नहाया जाये"... (सीटी बजाते हुए बाथरूम में घुस गए) नहाने के बाद पति: अरे सुनो ज़रा तौलिया देना। पत्नी (चिल्लाते हुए): तुम्हारा हमेशा का ही यह काम है, बिना तौलिये के नहाने जाते हो। अब मैं नाश्ता बनाऊँ या तुम्हें तौलिया दूँ। चड्डी बनियान भी धो के नल पे टांग देते हो उसे भी मुझे ही उठाना पड़ता है। आज तक नहाने के बाद कभी वाइपर भी नहीं लगाया। फिर दूसरे चड्डी बनियान के लिए भी मुझे बुलाओगे। कल तो बाल्टी भी खली छोड़ दी थी तुमने। फिर जब बाहर निकलोगे तो पूरे घर में गीले पैरों के निशान बना दोगे। फिर उस पर मिटटी पड़ेगी तो सब जगह गन्दी हो जाएगी। एक बार नौकरानी उसपे फिसल गयी थी फिर 3 दिन तक नहीं आई थी। पता है मेरा क्या हाल हुआ था काम कर कर के। पति (मन में सोचते हुए ): साला नहा कर गलती कर दी। |