यो बात सै म्हारे एक ताऊ की, हुआ नु के एक बै ताऊ पैदल आपणे गांव जावै था। रास्ते में उसके जूते पाँ में काटण लाग गये। ताऊ नै जूतियां आपणी लाठी पै टांग ली। गांम के एक छोरे नै मजाक करण की सुझी अर बोल्या, "ताऊ, परांठे बहुत दूर टांग राखे सै।" ताऊ भी कोई कम ना था। ताऊ बोल्या, "भाई खाण-पीण की चीज़ कहीं भी टांग ल्यो, सुसरे कुत्ते की निगाह वहीं चली जा सै।" |