हे एडमिन! तु व्यर्थ ही चिंता करता है तू क्या ले कर आया था इस ग्रुप में? तु क्या ले कर जायेगा? तेरा क्या था इस ग्रुप में? तुमने जो लिया इन ग्रुप के सदस्यों से लिया, जो दिया इस ग्रुप के सदस्यों को दिया, तेरा तो इस ग्रुप में कुछ है ही नहीं, यहाँ जो पोस्ट होती हैं, यहाँ जो संदेश आते हैं, तेरा उन पर कोई अधिकार नहीं, तू व्यर्थ ही उन पोस्ट पर हा-हा ही-ही करता है, तू व्यर्थ ही एडमिन बना बैठा है जिस प्रकार नेट ना हो तो फेसबुक और व्हाट्सएप्प का कोई महत्त्व नहीं उसी प्रकार ग्रुप के सदस्यों के बिना तेरे ग्रुप का कोई महत्त्व नहीं, ग्रुप के सदस्यों के कारण ही तू ग्रुप का एडमिन बना हुआ है, ग्रुप में सदस्य ना रहे तो तू क्या करेगा? किसके पोस्ट को हटा कर के खुद को उच्च समझेगा? तू ग्रुप का महज एक एडमिन है, तू खुद कोई ग्रुप नहीं है, ये जो सदस्य आज तेरे ग्रुप के हैं, ये कल किसी और ग्रुप के थे, कल फिर किसी और ग्रुप के होंगे। इसीलिए हे एडमिन, तू उन्हें हटाने की धमकी देना छोड़ दे। उन को पोस्ट करने दे। तू पोस्ट के बाद रिएक्शन की चिंता मत कर, फिर देख इन ग्रुप के सदस्यों का तू और ये सदस्य भी तेरे हो जायेंगे! |