एक दिन एक आदमी के घर के बाहर एक भिखारी ने भिक्षा के लिए आवाज लगाई। अंदर से आदमी सिर्फ तौलिया लपेटे बहार आया और हाथ जोडकर बोला, "बाबा 5 साल से आप मेरे घर भिक्षा मांगने आ रहे हैं और मैंने बिना कुछ दिए आपको कभी नही लौटाया, पर आज मेरे पास कुछ नही है। रात को डाकू आये और मेरी जीवन भर की सारी कमाई ले गये। यहाँ तक की बदन पे कपडे भी नही छोडे। अब मैं नंगा आपको क्या दूँ और खुद क्या खाऊं?" यह कहते हुए आदमी रोने लगा। यह देख भिखारी कि आँख मे भी आँसू आ गये। भिखारी ने आदमी के सिर पर हाथ रखा और बोला, "रो मत बेटा, सब ऊपर वाले की मर्जी है। पगले अब दुख मत कर, नंगा है तो क्या हुआ? चल अंदर आज गांड ही दे दे।" |