एक बार एक शराबी, शराब पी कर एक मंदिर के बाहर जाता है और पुजारी से बहस करने लगता है। शराबी: इस दुनिया में मैं सबसे बड़ा। पुजारी: भाई साहब आप कैसे बड़े ? आपसे बड़ा तो भगवान् है। शराबी: भगवान् बड़ा तो मंदिर में क्यों पड़ा? पुजारी: अच्छा मंदिर बड़ा। शराबी: मंदिर बड़ा तो धरती पे क्यों पड़ा? पुजारी: अच्छा धरती बड़ी। शराबी: धरती बड़ी तो शेषनाग क फन पर क्यों पड़ी? पुजारी: अच्छा शेषनाग बड़े। शराबी: शेषनाग बड़े तो शिवजी के गले में क्यों पड़े? पुजारी: अच्छा शिवजी बड़े। शराबी: अच्छा शिवजी बड़े तो पर्वत पर क्यों पड़े? पुजारी: अच्छा पर्वत बड़ा। शराबी: पर्वत बड़ा तो हनुमान जी के हाथ पर क्यों पड़ा? पुजारी: अच्छा हनुमान जी बड़े। शराबी: हनुमान जी बड़े तो राम जी चरणों में क्यों पड़े? पुजारी: अच्छा राम जी बड़े। शराबी: राम जी बड़े तो सीता जी के पीछे क्यों पड़े? पुजारी: अच्छा तो सीता जी बड़ी। शराबी: सीता जी बड़ी तो अशोक वाटिका में क्यों पड़ी? पुजारी: अरे भाई आप ही बताइए कौन बड़ा? शराबी: वो सबसे बड़ा जो दो बोतल पी कर भी सीधा खडा। |