एक आदमी ने दुर्घटना में दोनों कान खो दिए, कोई भी प्लास्टिक सर्जन उसका समाधान नहीं कर पाया, उसने किसी से सुना कि स्वीडन में कोई सर्जन है जो इसे ठीक कर सकता है और वो उसके पास गया। नए सर्जन ने उस कि जांच की, थोड़ी देर सोचा और फिर कहा, मैं तुम्हें ठीक कर दूंगा। ओप्रशन के बाद पट्टियां खोली गयी, टांके भी खोल दिए गए और वो वापिस अपने होटल चला गया। अगली सुबह उसने बहुत गुस्से में सर्जन को फ़ोन किया और जोर से चिल्लाया कमीने तुमने मुझ में औरत का कान लगाया है। सर्जन ने कहा, तो क्या हुआ कान तो कान है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, औरत का हो या मर्द का। ऐसा नहीं है, आप गलत बोल रहे हैं, मैं सुन तो सब कुछ सकता हूँ, पर समझ में कुछ भी नहीं आ रहा है। |