कहीं शुरू न हो जाये!

  •  

    एक बार संता शाम को घर आया, टी. वी. चालू किया और सोफे पर बैठते ही जीतो से बोला, "इससे पहले की शुरू हो जाये जल्दी से मेरे लिए चाय लेकर आओ।"

    जीतो को कुछ अजीब लगा पर वो चाय बना कर ले आई।

    चाय पीते-पीते संता दोबारा जीतो से बोला, "इससे पहले शुरू हो जाये, मेरे लिए कुछ खाने के लिए भी लेकर आओ।"

    जीतो को थोड़ा गुस्सा आया पर उसने संता को कुछ खाने के लिए भी दे दिया और वापस अपने काम में लग गयी।

    थोड़ी देर बाद संता दोबारा बोला, "इससे पहले की शुरू हो जाये, यह बर्तन उठाओ यहाँ से।"

    जीतो का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया और संता पर चिल्लाते हुए बोली, "मैं तुम्हारी कोई नौकरानी नहीं हूँ, जो मुझ पर इस तरह अपना हुकुम चला रहे हो। जब से आओ कुछ न कुछ हुकुम किये जा रहे हो जैसे यहाँ कोई तुम्हारा गुलाम है।"

    संता उठा और गहरी सांस लेते हुए बोला, "लो शुरू हो गया।"
  • अक्ल बड़ी या भैंस! एक बार पठान जहाज़ में एक सीट पर बैठ गया और वहाँ से उठने का नाम ही नहीं ले रहा था।
    लोगों ने बहुत मिन्नत की लेकिन...
  • लग गयी लॉटरी! एक दिन एक मरीज़ बहुत जल्दी में एक डॉक्टर के पास आया।
    मरीज: डॉक्टर साहब, जल्दी कुछ करो, मेरे पैरों...
  • शैतान पप्पू! एक बार एक एक बुज़ुर्ग आदमी ने देखा कि पप्पू घर के दरवाज़े पर लगी घंटी बजाने कि कोशिश कर रहा होता परन्तु उसका हाथ घंटी तक...
  • आज - कल कुछ लोग जब रात को अचानक फोन का बैलेंस ख़त्म हो जाता है इतना परेशान हो जाते हैं कि जैसे सुबह तक वो इंसान जिंदा ही नहीं रहेगा जिससे बात...
  • गाली की परिभाषा! एक प्रोफेसर हिंदी की कक्षा में "गाली" की परिभाषा बताओ:
    पप्पू: अत्याधिक क्रोध आने पर शारीरिक रूप से हिंसा...