मई का पावन महीना!

  •  

    मई का पावन महीना शुरू होने हो गया है।

    पत्नी को सामने बिठाकर उसके मायके की तारीफ करें, उसके मायके की ढेर सारी बातें करें, जानता हूँ ये बहुत कठिन और असहनीय पीड़ादायक काम है पर कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है तो दाँत भींचकर पीड़ा सहन करते हुए पत्नी को मायके की जबरन याद दिलाएं। इतना कि वो मायके जाने के लिए तड़प उठे। तब फिर एक दिन वह सुख भरा दिन आएगा जब पत्नियाँ मायके जाएँगी।

    अपनी अपार ख़ुशी को छुपाते हुए उदास मन से प्यार के दिखावे के साथ पत्नी को ट्रेन में बैठा कर स्टेशन पर तब तक खड़े रहें जब तक कि ट्रेन (पत्नी) आँखों से ओझल न हो जाये। फिर नाचते कूदते हुए दोस्तों को आमंत्रित करते हुए घर आएं और चिल्ला चिल्ला कर गायें, "दुःख भरे दिन बीते रे भैया अब सुख आयो रे"।
  • खुद पर ही पड़ गयी भारी एक बार एक आदमी था और उसे हर रोज़ रात को शराब पी कर देर से घर लौटने की आदत थी।
    उसे सबक सिखाने के लिए उस की बीवी ने...
  • अक्ल बड़ी या भैंस! एक बार पठान जहाज़ में एक सीट पर बैठ गया और वहाँ से उठने का नाम ही नहीं ले रहा था।
    लोगों ने बहुत मिन्नत की लेकिन...
  • लग गयी लॉटरी! एक दिन एक मरीज़ बहुत जल्दी में एक डॉक्टर के पास आया।
    मरीज: डॉक्टर साहब, जल्दी कुछ करो, मेरे पैरों...
  • शैतान पप्पू! एक बार एक एक बुज़ुर्ग आदमी ने देखा कि पप्पू घर के दरवाज़े पर लगी घंटी बजाने कि कोशिश कर रहा होता परन्तु उसका हाथ घंटी तक...
  • आज - कल कुछ लोग जब रात को अचानक फोन का बैलेंस ख़त्म हो जाता है इतना परेशान हो जाते हैं कि जैसे सुबह तक वो इंसान जिंदा ही नहीं रहेगा जिससे बात...