पठान की होशियारी!

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    पठान: हकीम साहब, मेरे दोस्त की तबियत बहुत ख़राब है, उसे नींद नहीं आ रही है। कृपया नींद आने की कोई दवाई दे दीजिये।

    हकीम: यह लो पुड़िया और इस में से पच्चीस पैसे के सिक्के पर जितनी आये उतनी रख कर पानी से दे देना।

    अगले दिन पठान घबराया हुआ आया।

    पठान: हकीम साहब, आपने जो दवाई दी थी उसे खाकर मेरे दोस्त की मौत हो गयी।

    हकीम: वो कैसे? यह बताओ तुमने दवाई दी कैसे थी?

    पठान: आपने कहा था कि पच्चीस पैसे के सिक्के पर जितनी आये उतनी रखकर खिला देना। मेरे पास पच्चीस पैसे का सिक्का तो नहीं था। इसलिए मैंने पांच पैसे के सिक्के पर रखकर पांच बार दे दी!
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