बढ़ती प्याज की कीमतों के हिसाब से जल्दी ही फिल्मों के डायलॉग्स इस प्रकार के होंगे। मेरे करण अर्जुन आयेंगे... और दो किलो प्याज़ लायेंगे। ये ढाई किलो के प्याज़ जब आदमी लेता है ना तो आदमी उठता नहीं उठ जाता है। मेरे पास बंगला है गाड़ी है बैंक बैलेंस है पैसा है, तुम्हारे पास क्या है? मेरे पास प्याज़ है। जिनके घर प्याज़ के सलाद होते हैं वो बत्ती बुझा कर खाना खाते हैं। चिनॉय सेठ, प्याज़ बच्चों के खेलने की चीज़ नहीं होती कट जाए तो खून निकल आता है। मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता प्याज़ हो तो अलग बात है। सारा शहर मुझे प्याज़ के नाम से जानता है। प्याज़ को खरीदना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है। आपके प्याज देखे, बहुत हसीन हैं, इन्हें ज़मीन पे मत उतारियेगा मैले हो जायेंगे। चल धन्नो, आज दस किलो प्याज़ का सवाल है। |