आओ बच्चों तुम्हे दिखायें, शैतानी शैतान की। नेताओं से बहुत दुखी है, जनता हिन्दुस्तान की। बड़े-बड़े नेता शामिल हैं, घोटालों की थाली में। सूटकेश भर के चलते हैं, अपने यहाँ दलाली में। देश-धर्म की नहीं है चिंता, चिन्ता निज सन्तान की। नेताओं से बहुत दुखी है, जनता हिन्दुस्तान की। चोर-लुटेरे भी अब देखो, सांसद और विधायक हैं। सुरा-सुन्दरी के प्रेमी ये, सचमुच के खलनायक हैं। भिखमंगों में गिनती कर दी, भारत देश महान की। नेताओं से बहुत दुखी है, जनता हिन्दुस्तान की। जनता के आवंटित धन को, आधा मन्त्री खाते हैं। बाकी में अफसर-ठेकेदार, मिलकर मौज उड़ाते हैं। लूट-खसोट मचा रखी है, सरकारी अनुदान की। नेताओं से बहुत दुखी है, जनता हिन्दुस्तान की। थर्ड क्लास अफसर बन जाता, फर्स्ट क्लास चपरासी है। होशियार बच्चों के मन में, छायी आज उदासी है। गंवार सारे मंत्री बन गये, मेधावी आज खलासी है। आओ बच्चों तुम्हें दिखायें, शैतानी शैतान की। नेताओं से बहुत दुखी है, जनता हिन्दुस्तान की। |