जीवन के कुछ अनमोल वचन!

  •  

    मुसीबत में अगर मदद मांगो तो सोच कर माँगना क्योंकि मुसीबत थोड़ी देर की होती है और एहसान जिंदगी भर का।

    मशवरा तो खूब देते हो "खुश रहा करो" कभी कभी वजह भी दे दिया करो।

    कल एक इंसान रोटी मांगकर ले गया और करोड़ों की दुआयें दे गया, पता ही नहीं चला कि गरीब वो था या मैं।

    गठरी बाँध बैठा है अनाड़ी साथ जो ले जाना था वो कमाया ही नहीं।

    मैं उस किस्मत का सबसे पसंदीदा खिलौना हूँ, वो रोज़ जोड़ती है मुझे फिर से तोड़ने के लिए।

    जिस घाव से खून नहीं निकलता, समझ लेना वो ज़ख्म किसी अपने ने ही दिया है।

    बचपन भी कमाल का था खेलते खेलते चाहें छत पर सोयें या ज़मीन पर, आँख बिस्तर पर ही खुलती थी।

    खोए हुए हम खुद हैं, और ढूंढते भगवान को हैं।

    अहंकार दिखा के किसी रिश्ते को तोड़ने से अच्छा है कि माफ़ी मांगकर वो रिश्ता निभाया जाये।

    जिन्दगी तेरी भी अजब परिभाषा है, सँवर गई तो जन्नत, नहीं तो सिर्फ तमाशा है।

    खुशीयाँ तकदीर में होनी चाहिये, तस्वीर में तो हर कोई मुस्कुराता है।

    ज़िंदगी भी वीडियो गेम सी हो गयी है, एक लैवल क्रॉस करो तो अगला लैवल और मुश्किल आ जाता है।

    इतनी चाहत तो लाखो रु. पाने की भी नही होती, जितनी बचपन की तस्वीर देखकर बचपन में जाने की होती है।

    हमेशा छोटी छोटी गलतियों से बचने की कोशिश किया करो, क्योंकि इंसान पहाड़ो से नहीं पत्थरों से ठोकर खाता है।
  • सही उपयोग! एक बार एक पजामा पहने हुए भारतीय से एक अंग्रेज बोला, "अाप लोग चीजों का सही उपयोग नहीं करते।"
    भारतीय: चीजों का सही उपयोग अगर हम नहीं करते तो कोई भी नहीं करता...
  • युद्ध और शांति! एक सामाजिक अध्ययन का अध्यापक कक्षा में `युद्ध और शांति` विषय पर पढ़ा रहा था, जब चैप्टर समाप्त हुआ तो अध्यापक ने बच्चों से पूछा, "तो तुम में से कितने लोग हैं...
  • कोई इसकी भी सुन लो! एक आदमी सड़क पर बेहोश हो गया। उसके इर्द-गिर्द भीड़ जमा हो गई, हर कोई उसे होश में लाने के लिए सलाहें देने लगा। भीड़ में से एक बुढ़िया बोली...
  • पक्का भारतीय होने के लक्षण: 1. होटल में खाने के बाद मुट्ठी भर सौंफ खाना।
    2. हवाई यात्रा के बाद बैग से टैग नहीं उतारना...
  • एक शादीशुदा की दुखी कलम से योग दिवस योग दिवस को मैं कुछ इस तरह से मना रहा हूँ,
    रात उसके पैर दबाए थे अब पोछा लगा रहा हूँ...