अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने घोषणा की कि उन्होंने मंगल ग्रह पर पानी खोज निकाला है। अब इस घटना पर हमारे देश की राजनीति में कैसी प्रतिक्रियाएं हुई, जरा देखिये: नरेन्द्र मोदी: मितरों... 60 साल हो गए देश आज़ाद हुए, आज तक पानी मिला क्या? जनता: नहीं मिला तो अब मंगल ग्रह पर पानी मिलने के बाद मैं आप सबसे पूछना चाहता हूँ कि... आपको बुध पर पानी चाहिए कि नही चाहिए? जनता: चाहिए आपको शुक्र पर पानी चाहिए कि नहीं चाहिए? जनता: चाहिए आपको शनि पर पानी चाहिए कि नहीं चाहिए? जनता: चाहिए तो आपसे मेरी हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि इस यूपी चुनाव में मुझे अपना आशीर्वाद दीजिये और भाजपा की सरकार बनवाइए। राहुल गांधी: पानी - पानी क्या होता है? आज मैं आपको बताता हूँ कि पानी क्या होता है? पानी, दरअसल पानी होता है। ये जो मंगल ग्रह का पानी है, वो किसानों और मजदूरों का पानी है, गरीबों का पानी है, और ये सूटबूट की सरकार - ये मोदी सरकार उस पानी को उद्योगपतियों को देना चाहती है लेकिन मैं आपको ये बताने आया हूँ कि हम ऐसा होने नहीं देंगे। अरविन्द केजरीवाल: मंगल पर पानी ढूँढने के लिए मैं वैज्ञानिकों को बधाई देता हूँ लेकिन ये केंद्र की सरकार पानी का कंट्रोल अपने हाथों में रखना चाहती है, दिल्ली की चुनी हुई सरकार को पानी से दूर रखना चाहती है। ओवैसी: कोई ये न समझे कि मंगल के पानी पर सिर्फ किसी एक कौम का हक है। ध्यान रहे कि उस पानी पर मुसलमानों का भी बराबर का हक है। लालू यादव: ई मंगल पे पानी, मंगल पे पानी, मंगल पे पानी का करता है रे? धुत! अरे ऊ तो बिहार का पानी है जो हमरे गया से जाता है। गया में जा के पुरखों को पानी देते हो कि नहीं? बोलिए? उहै पानी पहुँचता है मंगल पे बुडबक! जी न्यूज़: यहाँ आपके लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि मोदी जी इस देश के ऐसे पहले प्रधानमन्त्री बन गए हैं जिनके कार्यकाल में मंगल पर पानी मिला है। दीपक चौरसिया: इस वक़्त मैं मंगल पर हूँ और जैसा कि यहाँ मैं देख पा रहा हूँ ये दरअसल एक स्विमिंग पूल है, जो ललित मोदी का है, जो अपनी पत्नी के इलाज के लिए पेरिस हिल्टन के साथ यहाँ आये हुए हैं। मोदी भक्त: देख लो, इसे कहते हैं अच्छे दिन। तुम लोग साले दाल की मंहगाई का रोना ही रोते रहना, बस। |