कबीर के आधुनिक दोहे!

  •  

    यदि कबीर जिन्दा होते तो आजकल के दोहे यह होते:

    नयी सदी से मिल रही, दर्द भरी सौगात;
    बेटा कहता बाप से, तेरी क्या औकात;

    पानी आँखों का मरा, मरी शर्म औ लाज;
    कहे बहू अब सास से, घर में मेरा राज;

    भाई भी करता नहीं, भाई पर विश्वास;
    बहन पराई हो गयी, साली खासमखास;

    मंदिर में पूजा करें, घर में करें कलेश;
    बापू तो बोझा लगे, पत्थर लगे गणेश;

    बचे कहाँ अब शेष हैं, दया, धरम, ईमान;
    पत्थर के भगवान हैं, पत्थर दिल इंसान;

    पत्थर के भगवान को, लगते छप्पन भोग;
    मर जाते फुटपाथ पर, भूखे, प्यासे लोग;

    फैला है पाखंड का, अन्धकार सब ओर;
    पापी करते जागरण, मचा-मचा कर शोर;

    पहन मुखौटा धरम का, करते दिन भर पाप;
    भंडारे करते फिरें, घर में भूखा बाप।
  • फ़ीस माफ़ी की अर्ज़ी! सेवा में,
    श्री मान प्रधानाचार्य
    राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय
    विषय: फ़ीस माफ़ी हेतु...
  • जन्मदिन का तोहफा! एक बार एक आदमी अपनी पत्नी के लिए के लिए पियानो लेकर आया, तो उसके दोस्त ने उस से पूछा, "यार तुम ये पियानो क्यों ले रहे हो?"...
  • पति - पत्नी और कुत्ता! एक नया नया शादीशुदा जोड़ा एक बाग में टहल रहा था।
    अचानक एक बड़ा सा कुत्ता उनकी तरफ झपटा
  • स्माइल प्लीज! तीन मरे हुए राजनीतिज्ञों के शव शमशान में उठ खड़े हुए सभी के मुहं में बड़ी मुस्कान थी, पुलिस ने डाक्टर को बुलाया ये देखने के लिए की क्या हो गया है...
  • वक़्त अभी भी बदला नहीं! एक आदमी ने हॉस्टल में रहने वाले पप्पू के कमरे का दरवाज़ा खटखटाया। थोड़ी देर बाद पप्पू ने दरवाजा खोला।
    आदमी: क्या मैं अंदर आ सकता हूं...