एक सच्ची घटना!

  •  

    पड़ोस में सत्यनारायण कथा की आरती हो रही थी।

    आरती की थाली मेरे सामने आने पर, मैंने अपनी जेब में से छाँट कर कटा फटा दस रूपये का नोट कोई देखे नहीं, ऐसे डाला।

    वहाँ अत्याधिक ठसा-ठस भीड़ थी।

    मेरे कंधे पर ठीक पीछे वाली आंटी ने थपकी मार कर मेरी ओर 2000 रूपये का नोट बढ़ाया।

    मैंने उनसे नोट ले कर आरती की थाली में डाल दिया।

    मुझे अपने 10 रूपये डालने पर थोड़ी लज्जा भी आई।

    बाहर निकलते समय मैंने उन आंटी को श्रद्धा पूर्वक नमस्कार किया, तब उन्होंने बताया कि 10 का नोट निकालते समय 2000 का नोट मेरी ही जेब से गिरा था। जो वे मुझे दे रही थी।

    बोलो सत्यनारायण भगवान की जय!
  • सब फ़िल्मी है! एक बार ताऊ फिल्म देखण गया, फिल्म का नाम था बॉबी, अर गाणा चाल रया था, "मैं मायके चली जाऊंगी"।
    Dimple: मैं मायके चली जाऊंगी, तुम देखते रहियो।
    ताऊ: न्यू क्यूकर चली ज्यागी, यो तेरी टांग ने तोड़ देगा।
  • राजनैतिक ज्ञान! नेता का बेटा अपने पिता से बोला, "पापा मुझे भी राजनीति में आना हैं, मुझे कुछ टिप्स दो।"
    नेता: बेटा, राजनीति के तीन कठोर नियम होते हैं।
    "चलो पहला नियम समझाता हूँ", यह कहकर नेता जी ने बेटे को छत पर भेज दिया और...
  • प्रेम पत्र! एक सुन्दर युवती दवाईयों की एक दुकान के सामने काफी देर तक खडी थी। भीड़ छटने का इंतज़ार कर रही थी। दुकान का मालिक उसे शक की नजर से घूर रहा था। बहुत देर बाद जब दुकान मे कोई ग्राहक नही बचा, तो वह लड़की दुकान मे आयी...
  • बीवी के जन्मदिन का तोहफा! क्यों बीवी के जन्मदिन का तोहफ़ा हर साल का सबसे बड़ा सवाल होता है। आइए जानते हैं:
    तोहफे में घड़ी दी
    बीवी: समय देखने से क्या मिलेगा... मेरा समय तो तभी से खराब हो गया जब मैंने तुमसे शादी करी।
    पति Shocked...
  • जुगाड़ी इलाज़! एक आदमी मनोचिकित्सक के पास गया बोला `डॉक्टर साहब मैं बहुत परेशान हूं। जब भी मैं बिस्तर पर लेटता हूं, मुझे लगता है कि बिस्तर के नीचे कोई है। जब मैं बिस्तर के नीचे देखने जाता हूं तो लगता है कि बिस्तर के ऊपर कोई है। नीचे, ऊपर, नीचे, ऊपर...