अब वो बात कहाँ?

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    एक बार एक बूढी महिला अपने घर के आँगन मैं बैठी स्वेटर बुन रही थी कि तभी अचानक एक आदमी उसकी आँख बचाते हुए उसकी कुर्सी के नीचे बम रख कर भाग गया।

    आदमी को इतनी जल्दी में भागते हुए देख, कुछ लोगों को शक हुआ तो उन्होंने आँगन में झाँक कर देखा तो उनकी नज़र बुढिया की कुर्सी के नीचे रखे बम पर पड़ी।

    यह देख कर उन लोगों ने बुढिया को आगाह करने के लिए घर के बाहर से ही चिल्लाना शुरू कर दिया "बुढिया बम है, बुढिया बम है।"

    यह शोर-गुल सुन कर बुढिया एक पल के लिए चौंकी और फिर शर्माते हुए बोली, " अरे अब वो बात कहाँ, बम तो मैं जवानी में होती थी।"
  • एक सच्ची घटना! पड़ोस में सत्यनारायण कथा की आरती हो रही थी। आरती की थाली मेरे सामने आने पर, मैंने अपनी जेब में से छाँट कर कटा फटा दस रूपये का नोट कोई देखे नहीं, ऐसे डाला। वहाँ अत्याधिक ठसा-ठस भीड़ थी...
  • बॉस कौन है! एक बार कुछ लड़कियां शहर से गाँव घूमने आई थी। जब वो वापस लौट रही थी तो रास्ते में जिस बस में वे सफर कर रहीं थी, कुछ डाकुओं ने उस बस को घेर लिया। बस लूटने वाले दो डाकुओं ने पिस्तौल दिखाकर बस जंगल में रुकवा ली, तो सभी मुसाफिरों में सन्नाटा छा गया...
  • सब फ़िल्मी है! एक बार ताऊ फिल्म देखण गया, फिल्म का नाम था बॉबी, अर गाणा चाल रया था, "मैं मायके चली जाऊंगी"।
    Dimple: मैं मायके चली जाऊंगी, तुम देखते रहियो।
    ताऊ: न्यू क्यूकर चली ज्यागी, यो तेरी टांग ने तोड़ देगा।
  • राजनैतिक ज्ञान! नेता का बेटा अपने पिता से बोला, "पापा मुझे भी राजनीति में आना हैं, मुझे कुछ टिप्स दो।"
    नेता: बेटा, राजनीति के तीन कठोर नियम होते हैं।
    "चलो पहला नियम समझाता हूँ", यह कहकर नेता जी ने बेटे को छत पर भेज दिया और...
  • प्रेम पत्र! एक सुन्दर युवती दवाईयों की एक दुकान के सामने काफी देर तक खडी थी। भीड़ छटने का इंतज़ार कर रही थी। दुकान का मालिक उसे शक की नजर से घूर रहा था। बहुत देर बाद जब दुकान मे कोई ग्राहक नही बचा, तो वह लड़की दुकान मे आयी...