एक रात मुल्ला नसरुद्दीन का गधा चोरी हो गया। अगले दिन मुल्ला ने गधे के बारे में पड़ोसियों से पूछताछ की। चोरी की खबर सुनकर पड़ोसियों ने मुल्ला को लताड़ना शुरू कर दिया। एक ने कहा, "तुमने रात को अस्तबल का दरवाज़ा खुला क्यों छोड़ दिया?" दूसरे ने कहा, "तुमने रात को चौकसी क्यों नहीं बरती। तुम होशियार रहते तो चोर गधा नहीं चुरा पाता!" तीसरे ने कहा, "तुम घोड़े बेचकर सोते हो, तभी तुम्हें कुछ सुनाई नहीं दिया जब चोर अस्तबल की कुंडी सरकाकर गधा ले गया।" यह सब सुनकर मुल्ला ने फनफनाते हुए कहा, "ठीक है भाइयों! जैसा कि आप सभी सही फरमाते हैं, सारा कसूर मेरा है और चोर बेचारा तो पूरा पाक-साफ़ है।" |