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    आज सुबह मेरे पड़ोस में रहने वाले बंगाली बाबू मेरे घर आये और बोले, "आज हमारे घर भोजन है। आप भी आइएगा।"

    मैंने भी माँ से कह दिया कि मेरा खाना मत बनाना।

    11 बजे मैं पहुँच गया बंगाली बाबू के घर पर। वहाँ 4-5 बंगाली ढोलक बाजा लिए वहाँ मौजूद थे, दोपहर 2 बजे तक साले न जाने क्या क्या गाते रहे।

    फिर बंगाली बाबू खडे होकर बोले, "आज का भोजन समाप्त हुए, कोल फिर भोजन है टाईम से आ जाना। आपका बहुत बहुत धोन्यबाद।"

    साले के भजन के चक्कर मुझे भोजन नहीं मिला।
  • दोस्तों का अंतर! लड़की का फेसबुक पे स्टेटस - वो बेवफा निकला। कमेंट्स लड़कों के:
    1. डिअर, वो आपके लायक था ही नहीं।
    2. तुम कहाँ वो साला बन्दर कहाँ...
  • औरतें और उनकी ख़ूबसूरती! कुदरत ने औरतों को हसीन बनाया;
    खूबसूरती दी;
    चाँद सा चेहरा दिया;
    हिरनी सी आँखे;
    मोरनी सी चाल...
  • काबिल कुता! एक दुकान के बाहर लिखा था, "इन्सानों की तरह बात करने वाला कुत्ता बिकाऊ है।"
    एक आदमी दुकानदार से जाकर बोला, "मैं उस कुत्ते को देखना चाहता हूं।"
    दुकानदार ने कहा,"साथ के कमरे में बैठा है, जा कर मिल लो।"
  • थप्पड़ और निंदा! संता ने बंता को थप्पड़ मार दिया। बंता ने तुरंत कड़े शब्दों में इसकी निंदा कर दी।
    संता ने बंता को फिर थप्पड़ मारा। बंता ने और कड़े शब्दों में इसकी निंदा कर दी।
    संता ने बंता को फिर से थप्पड़ मारा...
  • यह कैसी फितरत? एक आदमी एक गाड़ी के ऐक्सिडेंट का चश्मदीद गवाह था। उसे अदालत बुलाया गया। वकील और गवाह के बीच सवाल-जवाब का सिलसिला शुरू हुआ। वकीलः क्या तुमने सच में ऐक्सिडेंट देखा?
    गवाहः जी हां।