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    हे पार्थ, परिवर्तन संसार का नियम है।

    जो कल Sales Tax था, आज VAT है, कल GST होगा।
    तुम्हारा क्या गया जो तुम रोते हो।

    जो लिया ग्राहक से लिया।

    जो दिया देश की सरकार को दिया, जो बचा वो घर आकर पत्नी (घर की सरकार) को दे दिया।

    तुम्हारे पास तो पहले भी कुछ नही था, अभी भी कुछ नही रहेगा।

    अतएव, हे वत्स, व्यर्थ विक्षोभ एवं विलाप मत करो। निष्काम भाव से कर्म किये जाओ। रण दुन्दुभि बज गई है।

    उठ, आॅख - नाक पोंछ, हे भारत माता के लाल, वीर योद्धा की तरह हथियार संभाल।

    गोदाम मे जितना भी है माल है सारा 30 जून से पहले पहले निकाल, बाकी बाद मे देखेंगे!
  • कहीं शुरू न हो जाये! एक बार संता शाम को घर आया, टी. वी. चालू किया और सोफे पर बैठते ही जीतो से बोला, "इससे पहले की शुरू हो जाये जल्दी से मेरे लिए चाय लेकर आओ।"
    जीतो को कुछ अजीब लगा पर वो चाय बना कर ले आई...
  • पत्नी के बदलते रंग! शादी के बाद पत्नी कैसे बदलती है, जरा गौर कीजिए:
    पहले साल: मैंने कहा जी खाना खा लीजिए, आपने काफी देर से कुछ नहीं खाया।
    दूसरे साल...
  • कैलकुलेटर का लफड़ा! एक डॉक्टर के पास एक बेहाल मरीज़ गया।
    मरीज़: डॉ. साहब पेट में बहुत दर्द हो रहा है।
    डॉ: अच्छा, ये बताओ...
  • कहाँ तक की पढाई? एक बै शगाई आले लड़का देखण आ रे थे। लड़की के बाप ने लड़के के दादा ते पुछेया: चौधरी शाब, छोरा कौथी (किस) जमात में पढ़ै सै?
    ताऊ: भाई, न्यूं तै बेरा ना अक कौथी में पढ़ै सै, पर छोरा...
  • भजन और भोजन! आज सुबह मेरे पड़ोस में रहने वाले बंगाली बाबू मेरे घर आये और बोले, "आज हमारे घर भोजन है। आप भी आइएगा।"
    मैंने भी माँ से कह दिया कि मेरा खाना मत बनाना।