सो रहा था एक रोज़ लंड, रख कर टट्टों पर अपना सिर; पास से हुआ चूत का गुज़र, लंड ने देखा उसे उठा कर सिर; लंड ने पूछा जा रही हो किधर, अगर वक़्त हो तो ज़रा आ जा इधर; चूत ने कहा अजी मुझे माफ़ कीजिये, पहले जो मुंह से टपक रहा है उसे साफ़ कीजिये; लंड ने जो यह सुना तो वो गया बिगड़, फिर जो कुछ न होना था वो हो गया उधर; चोद कर चूत को लंड सो गया फिर; देख कर यह चूत बोली लंड से चुद जाने के बाद; बात ही नहीं करते जनाब अपना मतलब निकल जाने के बाद! |