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    चाणक्य से जब ये प्रश्न पूछा गया कि - आप भी तो योग्य हैं, फिर चंद्रगुप्त को राजा क्यों बनाना चाहते हैं?

    चाणक्य ने कहा, "राजा सामाजिक जीवन जीने वाला, पत्नी, पुत्र व पुत्रियों से सम्पन्न, समृद्धशाली व्यक्ति ही होना चाहिये, जिससे वो हर रिश्ते के दुःख को समझ सके और जनता से सही व्यवहार कर सके। इसलिए मैं सन्यासी होने के कारण इस पद हेतु सर्वदा अनुचित हूं। जिस राजा का परिवार ही नहीं वो देश के लोगों की मुश्किलें क्या समझेगा।"

    यही कारण है कि 3 साल से भारत के लोग इसी दौर से गुजर रहे हैं।
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