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    रात का समय था, सुनसान सड़क पर शर्मा जी अकेले चले आ रहे थे।

    अचानक सामने से दो व्यक्ति शर्मा जी के आगे आ गए।

    उनमे से एक आदमी बोला: श्रीमान क्या आपके पास एक रुपये का सिक्का है?

    शर्मा जी पहले तो घबरा गए फिर अपने-आप को संभालते हुए बोले, "हाँ-हाँ, है बिलकुल है। लेकिन आप एक रुपये के सिक्के का क्या करेंगे?"

    आदमी: जी हम बस सिक्का उछालकर अपना एक छोटा सा विवाद निपटाना चाहते हैं।

    शर्मा जी (थोडा उत्साहित होकर): ऐसा कौन सा विवाद है जो बातचीत से हल नहीं हो रहा और सिक्का उछाल कर हल हो जायेगा।

    आदमी: जी बात यह है कि आपके पैसे तो हम आपस में बराबर बाँट लेंगे बस यह फैंसला नहीं कर पा रहे कि आपकी घड़ी कौन रखेगा!
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