एक दौर वो भी था...

  •  

    धूप में लेंस लेकर कागज़ जलाने वाला नासा का वैज्ञानिक माना जाता था।

    जिस लड़के को माउथ ऑर्गन बजाना आता था वो रॉकस्टार माना जाता था।

    प्लास्टिक की डिस्पोजल में गोबर भर के उस में तार और छोटी बल्ब लगा के लाइट पैदा करने वाले एडिसन कहलाते थे।

    कुछ लड़के कालर चढाकर और हाथ मेँ रूमाल लपेट कर डॉन बना करते थे।

    प्लास्टिक की बन्दूक को चलाने के बाद जेम्स बांड वाली फिलिंग बडी ही जोरदार हुआ करती थी।

    जो लड़का अगरबत्ती वाली थैली में पानी भर के आग में रख देता था और थैली नहीं जलती थी उसे किसी वैज्ञानिक से कम नहीं समझा जाता था और गांव के बूढ़े तो उसे जादूगर ही घोषित कर देते थे।

    एक हाथ से गिरती चड्डी पकड़े दूसरे से साइकिल के टायर को गली में साइकिल से भी तेज घुमाते हुए दौड़ना भी मैराथन वाली फील देता था और अगले ही मोड़ पर पापा से सामना होते ही चड्डी और टायर दोनों जमीन पर मिलते थे और हाथ दोनों गालों पर।
  • एक भयानक सत्य कथा! भारत में प्रथम श्रेणी में पास होने वाले विद्यार्थी टेक्नीकल में प्रवेश लेते हैं और वह डॉक्टर या इंजिनियर बनते है...
  • पक्की सरकार! देश में चाहे किसी की भी सरकार चले पर एक मुख्य सरकार है जो कभी नहीं बदलेगी और वो है...
    .
    .
    .
    .
    .
  • अजब मसला! रात का समय था, सुनसान सड़क पर शर्मा जी अकेले चले आ रहे थे।
    अचानक सामने से दो व्यक्ति शर्मा जी के आगे आ गए...
  • वही ज़माना! एक आदमी ने हॉस्टल में रहने वाले लड़के के कमरे का दरवाज़ा खटखटाया। थोड़ी देर बाद लड़के ने दरवाजा खोला...
  • टूट गया भरोसा! एक बार एक आदमी बड़ी आराम से अपनी गाड़ी में जा रहा था कि अचानक सामने से आ रही एक महिला की गाड़ी आ कर उसकी गाड़ी...