सुबह सारे काम निपटा कर गई कामवाली को शाम को उसका पति लेकर आया। कामवाली का पति: मैडम, कल से मेरी घरवाली आपके यहाँ काम करने नहीं आयेगी। मैडम: पगार कम पड़ रही है क्या? तीसरा महीना पूरा होने के बाद पगार बढ़ा दूंगी। कामवाली का पति: बहन, बात पगार की नहीं है, हमारी तकलीफ दूसरी है। मैडम: क्या तकलीफ है बताओ, चुटकी बजाते ठीक कर दूंगी। कामवाली का पति: मैडम, तकलीफ चुटकी बजाते दूर हो जाए ऐसी नहीं है, आप तो दूसरी कामवाली ढूंढ लो। मैडम: तकलीफ बताये बगै़र मैं तुम्हें काम नहीं छोड़ने दूंगी, बोलो क्या तकलीफ़ है? कामवाली का पति: आप पूरा दिन अपने पति को डांटती फटकारती रहती हो, यह देखकर ये भी यह सब सीखने लग गई है। मेरे में साहब जितनी सहनशक्ति नहीं है जिससे इस बेचारी को रोज़ाना मार खाना पड़ती है, मुझे मेरे घर में और अशांति नहीं चाहिए। मैडम की जीभ तालू से चिपक गई, सिरपर हाथ रखकर सोफे पर अभीतक बैठी है। |