एक प्रसिद्ध हॉस्पिटल में डॉक्टरों की टीम ने पेशेंट को तुरंत बायपास सर्जरी करवाने की सलाह दी। पेशेंट नर्वस हो गया किंतु तुरंत तैयारी में लग गया। ऐसे वक्त थोडा संयम रखकर सेकंड ओपीनियन लेना ज्यादा ठीक होता। ऑपरेशन के पहले वाले सारे टेस्ट हो जाने के बाद डॉक्टर की टीम ने बजट बताया, जो कि पेशेंट को बहुत ज्यादा लगा। लेकिन जान है तो जहान है यह सोचकर वह फॉर्म भरने लगा। व्यवसाय के कॉलम के आगे उसने C.B.I. लिख दिया। अचानक हॉस्पिटल का वातावरण ही बदल गया। डॉक्टरों की दूसरी टीम चेकअप करने आयी। रीचेकींग हुआ और टीम ने घोषित किया कि ऑपरेशन की जरूरत नहीं है। मेडिसिन खाते रहिये ब्लाकेज निकल जायेगा। . . . . पेशंट Central Bank of India का कर्मचारी था। |