एक मदारी सड़क के किनारे ढोल बजाकर बंदर का तमाशा दिखा रहा था।
जैसे जैसे मदारी ढोल बजाता था, बंदर 25 फीट के बांस पर फटाफट चढ़ उतर रहा था। यह देखकर दो चोरों ने सोचा कि यह बंदर अगर उनके पास हो तो चोरी करने के लिए दरवाजा तोड़ने की जरुरत ही नहीं पड़ेगी। बंदर अंदर जाकर पहले ही चिटखनी खोल देगा। उन्होंने मदारी से बंदर खरीद लिया। फिर बंदर को ट्रेनिंग दी कि कैसे छत के रास्ते जाकर अंदर से चिटखनी खोलनी है। सारी तैयारी कर के रात को एक हवेली के पीछे पहुंच गए। बांस को दीवार के सहारे लगाया और दोनों दरवाजे के पास खड़े हो गए। बंदर ने चार फुट तक चढ़ाई की, फिर वहीं लटककर चोरों की ओर ताकने लगा। एक चोर यह देख कर दांत पीसते हुए बोला, 'अबे साले अब चढ़ भी जा।' बंदर गाली सुनते ही नीचे कूदकर आया और बोला, `अबे, चढूंगा तो तब ना, जब तुम ढोल बजाओगे!" |