स्कूली जीवन का सिनेमा!

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    क्लास - बर्दाश्त।

    अटेंडेंस - हेरा फेरी।

    क्लास रूम - नो एंट्री।

    टीचर - जानी दुश्मन।

    एग्जाम - बुरी मौत।

    इग्ज़ैमनर - डॉन।

    फ्रेंड पेपरों में - हम आपके हैं कौन?

    मौखिक परीक्षा - सामना।

    एग्जाम टाइम - कयामत।

    चीटिंग - लगे रहो मुन्ना भाई।

    मार्केटिंग - अँधा कानून।

    प्रश्न पेपर - एक पहेली।

    उत्तर सीट - कोरा कागज।

    रिजल्ट - सदमा।

    पास - चमत्कार।

    फेल - देवदास।

    फ्यूचर - ना तुम जानो ना हम।
  • जान ले लो जानू की भारतीय लड़कियां खेलों में अच्छी क्यों नहीं हैं?
    क्योंकि, सिर्फ 10% क्रिकेट, हॉकी, टेनिस, बैडमिंटन, शतरंज आदि खेलती हैं बाकि कि 90% तो जानू से खेलने में व्यस्त रहती हैं...
  • जिन्न भी हर काम नहीं कर सकता! एक बार संता को रास्ते में एक चिराग मिला तो उसने सोचा कि, "क्यों ना चिराग रगड़ कर देखूं शायद इसमें से कोई जिन्न ही निकल आये"।...
  • प्रभु की इच्छा! घने जंगल से गुजरती हुई सड़क के किनारे एक ज्ञानी गुरु अपने चेले के साथ एक बोर्ड लगाकर बैठे हुए थे, जिस पर लिखा था...
  • इंजीनियरिंग छात्र! 1. हमेशा 2 अलार्म लगाते हैं एक थोड़ा-थोड़ा उठने के लिए, और दूसरा सचमुच में उठने के लिए।
    2. Deo सिर्फ इसलिए लगाते हैं ताकि कोई ये न पता कर पाये कि ये बिना नहाये Class में आया है।
    3. गंदे कपड़ों में भी...
  • बेचारी मैडम! पहली क्लास का बच्चा मैडम से,"मैं आपको कैसा लगता हूँ?"
    मैडम: बहुत ही प्यारे।
    बच्चा: तो फिर मैं...