एक आदमी पहाड़ी रास्ते से जा रहा था, अचानक उसको एक आवाज आयी रुको। वो रुक गया जैसे ही वो रुका उसके सामने एक बड़ी सी चट्टान गिरी। वो आवाज का शुक्रिया करके आगे बढा। कुछ दिन बाद वो आदमी फिर कहीं जा रहा था। फ़िर वही आवाज आयी... रुको। वो रुक गया, तभी उसके बगल से एक कार बड़ी तेजी से गुजर गयी। उसने फ़िर आवाज का शुक्रिया अदा किया और पूछा, "आप कौन हैं भाई, जो बार बार मेरी जान बचा रहे हैं?" आवाज आयी हिफाजत करने वाला... फरिश्ता। उसने दोबारा शुक्रिया अदा किया और रोते हुए पूछा, "शादी के वक्त आप कहाँ थे भाई?" जवाब आया, "आवाज़ तो उस वक्त भी लगाई थी... या तो डी जे बजवा लेता या फिर आवाज सुन लेता!" |