स्कूली जीवन का सिनेमा!

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    क्लास - बर्दाश्त।

    अटेंडेंस - हेरा फेरी।

    क्लास रूम - नो एंट्री।

    टीचर - जानी दुश्मन।

    एग्जाम - बुरी मौत।

    इग्ज़ैमनर - डॉन।

    फ्रेंड पेपरों में - हम आपके हैं कौन?

    मौखिक परीक्षा - सामना।

    एग्जाम टाइम - कयामत।

    चीटिंग - लगे रहो मुन्ना भाई।

    मार्केटिंग - अँधा कानून।

    प्रश्न पेपर - एक पहेली।

    उत्तर सीट - कोरा कागज।

    रिजल्ट - सदमा।

    पास - चमत्कार।

    फेल - देवदास।

    फ्यूचर - ना तुम जानो ना हम।
  • आत्मविश्वास! मनपसंद मरम्मत का काम होने की खुशी में एक साहब ने मिस्त्री को 1000/- रुपये की बख्शीश देते हुए कहा,
    "जा, तू भी क्या याद करेगा! आज शाम को भाभी जी को सिनेमा ले जा और उसके बाद किसी रेस्तरां में खाना खा!"...
  • सनसनीखेज खबर! क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि कोई `कपल` लाखों रुपये खर्च करके यूरोप जाए और पूरे सफर के दौरान एक बार भी फेसबुक पर स्टेटस अपडेट ना करे...
  • पत्नी के साथ वक़्त! पत्नी: पूरे टाइम मोबाइल में चिपके रहते हो। कम से कम छुट्टी के दिन तो कुछ वक्त मेरे लिए भी निकाल लिया करो।
    पति ने मोबाइल चार्जिंग में लगाया और बोला...
  • श्लोक का रहस्य! एक छात्र ने संस्कृत के शिक्षक से पूछा: गुरुजी, एरिक तम नपाम्रधू। एरिक तम नपाद्यम।।
    इस श्लोक का अर्थ क्या होता है। गुरूजी ने यह श्लोक सभी संस्कृत की पुस्तकों एवं ग्रंथों में खूब ढूंढा, सभी संस्कृत के ज्ञाताओं...
  • बिना टिकट यात्रा! एक पहलवान बस में चढ़ा।
    कंडक्टर: भाई साहब, टिकट!
    पहलवान: हम टिकट नहीं लेते...