कंडक्टर को किराया देने के लिए मै जैसे ही जेब में हाथ डालने लगा , साथ बैठे अजनबी ने मेरा हाथ पकड़ते हुए कहा "नहीं भाई साहब आपका किराया मैं देता हूँ" मैने कहा कि मै अपना किराया खुद ही देता हूँ!
लेकिन अजनबी मेहरबान हो रहा था और उसने मेरा किराया दे दिया। अगले स्टाप पर अजनबी बस से उतरा और मै अपनी जेब से कुछ निकालने लगा तो सर थाम कर बैठ गया क्योंकि उस अजनबी ने मेरी जेब काट ली थी। दूसरे दिन मैने उस अजनबी को बाजार में जा पकड़ा! वह चोर मुझे गले लगाकर रोने लगा "साहब जी मुझे माफ कर दीजिए आपसे चोरी करने के बाद मेरी बेटी मर गई! मैने दिल बड़ा करते हुए चोर को माफ कर दिया। चोर चला गया लेकिन उसने गले मिलते समय फिर से मेरी जेब साफ कर गया था। कुछ दिनों बाद मै अपनी मोटरसाइकिल से कहीं जा रहा था कि रास्ते में फिर उसी चोर ने रोक लिया। चोर ने रोते हुए माफी मांगी और चोरी किये हुए सारे पैसे भी लौटा दिये। फिर वो चोर मुझे पास के रेस्टोरेंट में ले गया , मुझे चाय नाश्ता कराने के बाद चला गया और जब मै अपनी मोटरसाइकिल के पास आया तो देखा चोर इस बार मेरी मोटरसाइकिल पे ही हाथ साफ कर गया था! बिल्कुल यही हाल अपने देश की सरकारों का है। भोली भाली जनता इन पर विश्वास करती हैं और ये हर बार जनता को नये नये तरीकों से लूटते हैं! |