सत्तर वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद एक बुड्ढा प्रत्येक एक वर्ष बीतने पर अपनी ही पत्नी से शादी करता था...
बिना किसी रोक-टोक के सारा कार्यक्रम सम्पन्न हो जाता और फिर अगले वर्ष सब कुछ वैसे ही दोहराया जाता... पूरे गाँव में ये बात कौतुहल का विषय बन गयी... आखिर में जब एक व्यक्ति से नहीं रहा गया तो उसने पूछ ही लिया: बुढ़ऊ जै का बात भई हर साल ब्याह कत्त हो.... हर साल फेरे लेवत हो...... बुड्ढा- "बस एक ही शब्द सुनवे की खातिर..." "कौन सो शब्द.." बुड्ढा - जब पंडित कहत है:- "लड़के को बुलाओ" बस कसम से मजा आ जात है। |