ज़िन्दगी के पड़ाव!

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    विभिन्न आयु के छात्रो का सबसे अच्छा सामूहिक उदाहरण:

    पहली से तीसरी कक्षा तक: मुझे तो पूरा पर्चा आता था।

    चौथी से छटी कक्षा तक: यार 8 नंबर वाला प्रश्न तो बहुत मुश्किल था मैंने सिर्फ उसे ही छोड़ा है।

    सातवी से दसवी कक्षा तक: मैंने तो सिर्फ मुख्य ही प्रश्न किये हैं।

    ग्यारवी कक्षा में: मुझे लगता है पास होने के लिए चार पाठ पढ़ना बहुत है।

    बाहरवीं कक्षा: कल पेपर कौन सा है यार।

    और कॉलेज के दिनों में: सालों बता तो देते आज पेपर है, मैं तो पेन भी नहीं लाया।
  • बॉस का आदेश! एक बार कुछ लड़कियां शहर से गाँव घूमने आई थी। जब वो वापस लौट रही थी तो रास्ते में जिस बस में वे सफर कर रहीं थी, कुछ डाकुओं ने...
  • आदमी तो आदमी ही हैं! एक व्यक्ति मरकर ऊपर पहुँचा तो स्वर्ग के द्वार पर उसे स्वयं चित्रगुप्त मिले।
    चित्रगुप्त बोले, "तुम एक शर्त पर भीतर आ सकते हो।"
    व्यक्ति: कौन सी शर्त प्रभु?
    चित्रगुप्त: तुम्हें एक शब्द...
  • पड़ोसन! एक नवविवाहित जोड़ा शादी के बाद रहने के लिए शहर में आया वहां उन्होंने एक कमरा लिया और नए पड़ोसियों के साथ रहने लगे।...
  • मेरे पास दिमाग है! संता और बंता गढ्ढा खोद रहे थे बंता ने संता से पूछा अरे भाई हम दोनों ही काम कर रहे है और ये तीसरा आदमी वहां छाया में बैठकर आराम कर रहा है!
    संता ने कहा शायद उसे काम नही आता इसलिए...
  • हिसाब बराबर! एक बार एक मरता हुआ पति अपनी पत्नी से अपराध स्वीकारोक्ति करते हुए बोला।
    पति: प्रिये, दो साल पहले अलमारी से तुम्हारा गोल्ड सेट मैंने ही चोरी किया था।
    पत्नी (रोते हुए): कोई बात नहीं जी।...