औरत सच में ही प्रकृति की पेचीदा रचना है:
अगर आप उसे किस्स करते हैं, तो आप सज्जन आदमी नहीं अगर नहीं करते तो आप आदमी ही नहीं!! अगर आप उसकी तारीफ़ करो तो उसे लगता है कि आप झूठ बोल रहे हो अगर नहीं करो तो आपको कुछ नहीं आता, आप किसी काम के नहीं!! अगर आप उसकी सारी बातें मानते है तो आप डरपोक अगर नहीं मानते तो तालमेल ही नहीं बिठा पाते!! अगर आप उससे रोज मिलते हो तो आप बोर करते है अगर आप नहीं मिलते तो आप पर आरोप लगाया जाता है कि आप डबल क्रॉस कर रहे है!! अगर आप अच्छे कपड़े पहनते हो तो आप प्लेबॉय है अगर नहीं पहनते तो आप आलसी और सुस्त!! अगर आप एक भी मिनट लेट हो जाओ तो वो शिकायत करती है कि इन्तजार करना कितना मुश्किल होता है अगर वो लेट हो जाए तो कहती है ये लड़कियों का तरीका है! ! अगर आप उसे कभी कभी किस्स करते हैं तो आप रूखें हैं अगर आप रोज किस्स करने कि कोशिश करते हैं तो आप गलत फायदा उठा रहे हो!! अगर आप बोलते हैं तो वो चाहती है कि आप सुने अगर आप सुन रहे हो तो वो चाहती है कि आप बोले!! संक्षेप में: दिखने में जितनी सीधी सादी, उतनी ही जटिल जितनी कमजोर उससे कहीं ज्यादा शक्तिशाली!! जितनी पेचीदा उतनी ही मनभावन, ये नारी सच में अद्भुत है! |