लोगों के बहकावे में आकर कछुए और खरगोश में फिर से पाँच मील की दौड़ लग गई! तीन मील की दूरी पर जा कर खरगोश ने देखा कि कछुआ बहुत दूर है और उसने सामने के ठेके से एक बोतल ली और पीना शुरू कर दिया! दो या तीन पैग पीने के बाद... उसने सामने से कछुए को आता हुआ देखा और बोला, "ले भाई, आज तू भी ले!" कछुआ भी बैठ गया और पीते-पीते बोतल खत्म हो गई! कछुए ने कहा: तुम मेरे इतने अच्छे दोस्त हो, और मैं तुम्हारे साथ दौड़ने की होड़ के लिए लोगों की बातों में आ गया, तुम्हारे साथ क्या हार क्या जीत? चल भाई एक हॉफ और मँगा ले!" फिर दोनों खुशी-खुशी घर चले गए! कथासार:अपने दोस्तों के साथ आख़िर किस बात की रेस! हर समय हार-जीत के पीछे ही भागते न रहें, साथ बैठिये, दो पेग लीजिए और देखिए कि ये ज़िन्दगी सच में कितनी ज़्यादा खूबसूरत है! |