चेक पे रकम को शब्दों में और अंकों में लिखना क्यों ज़रूरी है!
बैंक के नियम के अनुसार शाम के 4:30 बजे बैंक बंद हो ही रहा था कि ब्रांच मैनेजर के पास बेहद दिलकश और शहद सी मीठी आवाज में एक महिला का फोन आया - "सर, मुझे 2 लाख रुपयों की तुरंत आवश्यकता है और मैं सिर्फ 10 मिनट में बैंक पहुँच जाऊँगी। क्या आप मेरा इंतज़ार कर सकते हैं?" उसकी आवाज इतनी सुरीली थी कि मैनेजर मना नहीं कर सका। उसने कैशियर से कहा कि कैश तैयार रखे। कैशियर ने भुनभुनाते हुए अपने बॉस का ऑर्डर माना। थोड़ी ही देर बाद बढ़ी हुई तोंद और अजीबो-गरीब फिगर वाली महिला ने बैंक में प्रवेश किया और बैंक मैनेजर को एक चैक देकर कैश की डिमांड की। मैनेजर जो एक बहुत खूबसूरत महिला की अपेक्षा कर रहा था, ने उस महिला को देख तुरंत अपना इरादा बदल दिया और बोला, "देखिए मैडम, आज का कैश क्लोज हो चुका है; आप कल आइए।" कैशियर ने मैनेजर से पूछा, "अगर महिला को कैश नहीं देना था तो हमने इंतज़ार क्यों किया?" मैनेजर: देख भाई, मैं उसकी हैल्प तो करना चाहता था लेकिन, ये बैंकिंग का अंतर्राष्ट्रीय नियम है कि "अगर अंक और शब्द मेल नहीं करेंगे तो भुगतान नहीं किया जायेगा!" |