रौबीला चेहरा... घुमावदार बडी बडी मूंछ, आँखों में चमक, हाथों में दोनाली बंदूक और पैरों के पास पड़ा हुआ कम से कम 10 फुटा बब्बर शेर! पेंटिंग्स की दुकान में तस्वीरें देखते देखते मैं अचानक इस तस्वीर के सामने रुक गया और एकटक देख जा रहा था उस तस्वीर ने जैसे मुझको जकड़ सा लिया था! 5000 /- रु. मेरे पूछने पर दुकानदार ने उस तस्वीर की कीमत बताई! हालांकि कीमत कुछ ज्यादा लगी फिर भी मैंने अपनी जेब से रुपये निकाल कर गिने तो वे महज 4500/- ही निकले तब मैंने उस दुकानदार से वह तस्वीर 4500/- रु. में बेचने का आग्रह किया किंतु दुकानदार ने मना कर दिया! दो दिन बाद जब मैं पूरे 5000/- रु लेकर दुकान पर पहुँचा तो पाया कि वह तस्वीर तो बिक चुकी है! कई महीनों तक मुझे वो तस्वीर ना खरीद पाने का मलाल रहा! आज 4 महीने के पश्चात अपने मित्र के ड्राइंग रुम की शोभा बढाते हुए उसी तस्वीर को देखकर मैंने जब अपने मित्र से पूछा तो उसने बताया कि... "ये उसके दादा जी की तस्वीर है। वो बहुत ही बड़े शिकारी थे! बीसियों शेरों का शिकार किया था दादा जी ने अकेले ही। कई अंग्रेज अपॉइंटमेंट लेते थे दादा जी से शिकार करने को!" तब मित्र की बातें सुन मन ही मन मैं सोच रहा था कि... "साले उस दिन पाँच सौ रुपये कम पड गए थे! वरना आज ये मेरे दादा जी होते!" |