बर्तन मांजते हुए ये समझ आया कि... कुकर एक निहायत ही छिछोरा और वाहियात किस्म का बर्तन है, जो सीटी के बिना काम नहीं करता और सीटी मारना इस छिछोरे पर सूट भी करता है! सारे बर्तन शराफत से साफ हो जाते हैं, लेकिन इसके अलग नखरे हैं! रबर अलग से धो, सीटी अलग से धो, ढक्कन अलग से और शरीर अलग से! उस पर भी ये हरामखोर दाल में डाली गई सारी हल्दी का उपटन दो सीटी में ही बाहर उछाल कर, अपने शरीर पर मल लेता है! इसे कौन से फैशन परेड में जाना होता है हल्दी का फेशियल करके! उंगलियां दुख जाती है हल्दी छुटाते छुटाते! |