निशाना चूक गया!

  •  

    एक बार एक आश्रम में एक गुरु अपने शिष्यों को धनुष बाण चलाना सिखा रहा होता है, जिसमे से एक शिष्य निशाना लगता है परन्तु उसका निशाना चूक जाता है।

    शिष्य: साला निशाना चूक गया।

    गुरू: आश्रम मैं अपशब्द बोलना मना है अब मत बोलना।

    शिष्य दोबारा निशाना लगता है और उसका निशाना फिर से चूक जाता है।

    शिष्य: साला निशाना चूक गया।

    गुरु: मैंने तुम्हे मना किया था फिर भी तुमने अपशब्द बोला, अब यदि तुमने फिर से यह अपशब्द बोला तो एक आकाशवाणी होगी और आकाश से एक बाण निकलेगा जो तुम्हारी आँख फोड़ देगा।

    शिष्य तीसरी बार निशाना लगता है और तीसरी बार फिर उसका निशाना चूक जाता है।

    शिष्य: साला फिर निशाना चूक गया।

    तभी अचानक बिजली कडकती है और आकाश से एक बाण निकल कर गुरु की आँख मैं जाता है और साथ ही आकाशवाणी होती है;

    आकाशवाणी: साला निशाना चूक गया।
  • वैलेंटाइन डे आवश्यकता है एक गर्लफ्रेंड की। पद: जूनियर गर्लफ्रेंड/सहायक प्रेमिका
    अनुभव: कम से कम दो लडको की गर्ल फ्रेंड रह चुकी हो, तथा गर्ल फ्रेंड के सभी दायित्वों में पारंगत हो।
    आयु : 18-25 वर्ष (अगर कोई लड़की/महिला दिखने में अच्छी है...
  • हाजिर-जवाब पत्नी! एक नवविवाहित डाक्टर अपनी पत्नी के साथ बगीचे में सैर कर रहा होता है कि तभी अचानक सामने से आती हुई एक सुंदर युवती ने मुस्कुराकर डॉक्टर का अभिवादन किया...
  • लोकतंत्र! पापा जी के बड़े बेटे का कहना है कि उनका लोकतंत्र पर से यकीन सन 88 में ही उठ गया था, जब हमारी स्कूल की छुट्टियां हुई और रात को खाने की...
  • ये कैसी दोस्ती? गलती मेरी ही थी, वजह भी बड़ी वाजिब थी। 
    बात ये हुई कि उनकी पत्नी यानी हमारी प्रिय भाभी जी दुर्घटनाग्रस्त हो गयी। एक कोई हड्डी टूट गयी थी।
    एक प्रसिद्ध अस्थिरोग (हड्डी रोग) विशेषज्ञ से संपर्क व परामर्श हुआ।...
  • सेर पे सवा सेर! एक बै रब्बू नै 500 रुपय्ये की जरूरत पड़-गी - सोची अक लाला जी पै ले ल्यूं ।

    रब्बू नै फोन खटकाया । लाला जी के फोन उठाते ही रब्बू बोल्या...