गुदगुदी Hindi Jokes

  • इंजीनियर की समझदारी!

    एक औरत अपने बच्चे के लिए रो रही थी।

    एक इंजीनियर ने औरत से रोने की वजह पूछी।

    औरत ने कहा, "मेरा बच्चा बीमार है और मेरे पास दवा के लिए पैसा नहीं है।"
    इंजीनियर ने 500 का नोट दिया और कहा, "जाओ दवा ले लो और 100 का दूध भी ले लेना और बाकी के पैसे मुझे वापस दे देना।"

    औरत थोड़ी देर बाद दवा और दूध ले आई।

    बाकी के 200 रुपये इंजीनियर को वापस कर दिए।

    इंजीनियर खुश हुआ और सोचने लगा कि नेकी कभी बेकार नहीं जाती।

    बच्चे को दूध भी मिल गया, दवा भी मिल गई

    और

    मेरा नकली नोट भी चल गया।
  • फ़रमाईश करो मगर, सोच-समझ कर!

    3 लोगों को गिरफ्तार किया गया जिनमें एक हिंदुस्तानी, एक अमेरिकी और एक बांग्लादेशी था।

    तीनों को 6 साल की सजा हुई, जेल भेजे जाने से पहले हिंदुस्तानी ने बहुत सारी किताबों की मांग की। अमरीकी ने लड़कियों की, जबकि बांग्लादेशी ने बहुत सारी सिगरेट मांग ली।

    6 साल की सजा पूरी होने पर जेल से हिंदुस्तानी बाहर आया उसकी दाढ़ी बढ़ी और बाल बढे हुए थे।

    जब अमरीकी बाहर आया तो उसके साथ बच्चे थे।

    जब बांग्लादेशी बाहर आया तो गुस्से में चेहरा लाल था। वो चीखते हुए बोला, "कमीने कहीं के,सिगरेट तो इतनी दे दी पर लाइटर तो दिया ही नहीं!"
  • गुरु, गुरु ही होता है!

    एक रात, चार कॉलेज विद्यार्थी देर तक मस्ती करते रहे और जब होश आया तो अगली सुबह होने वाली परीक्षा का भूत उनके सामने आकर खड़ा हो गया।

    परीक्षा से बचने के लिए उन्होंने एक योजना बनाई। मैकेनिकों जैसे गंदे और फटे पुराने कपड़े पहनकर वे प्रिंसिपल के सामने जा खड़े हुए और उन्हें अपनी दुर्दशा की जानकारी दी।

    उन्होंने प्रिंसिपल को बताया कि कल रात वे चारों एक दोस्त की शादी में गए हुए थे। लौटते में गाड़ी का टायर पंक्चर हो गया। किसी तरह धक्का लगा-लगाकर गाड़ी को यहां तक लाए हैं। इतनी थकान है कि बैठना भी संभव नहीं दिखता, पेपर हल करना तो दूर की बात है। यदि आप हम चारों की परीक्षा आज के बजाय किसी और दिन ले लें तो बड़ी मेहरबानी होगी।

    प्रिंसिपल साहब बड़ी आसानी से मान गए। उन्होंने तीन दिन बाद का समय दिया। विद्यार्थियों ने प्रिंसिपल साहब को धन्यवाद दिया और जाकर परीक्षा की तैयारी में लग गए।

    तीन दिन बाद जब वे परीक्षा देने पहुंचे तो प्रिंसिपल ने बताया कि यह विशेष परीक्षा केवल उन चारों के लिए ही आयोजित की गई है। चारों को अलग-अलग कमरों में बैठना होगा।

    चारों विद्यार्थी अपने-अपने नियत कमरों में जाकर बैठ गए। जो प्रश्नपत्र उन्हें दिया गया उसमें केवल दो ही प्रश्न थे:

    प्र.1 आपका नाम क्या है? (2 अंक)

    प्र.2 गाड़ी का कौन सा टायर पंक्चर हुआ था? (98 अंक)
  • धार्मिक आदमी!

    एक आदमी था जो एक नदी के किनारे एक छोटे से घर में रहता था वह बहुत ही धार्मिक प्रवृति का आदमी था, उसे भगवान पर बहुत विश्वास था!

    एक दिन उस नदी में बाढ़ आ गयी वह आदमी घर समेत बह गया काफी दूर बहने के बाद उसने बचने का प्रयास किया!

    वह सीधे घर कि छत पर चढ़ गया तो देखा पानी काफी भर चुका है!

    तभी दूर से एक काफी बड़ी नाव में कुछ लोग आये और कहने लगे कि उनके साथ नाव में आ जाये पर वो आदमी कहने लगा कि नहीं मुझे बचाने तो भगवान आयेंगे! ऐसा सुनकर वो नाव वाले वहां से चले गए!

    पानी का स्तर बढ़ ही रहा था उस आदमी का घर पूरा डूबने वाला था तभी एक और नाव वाला वहां से आया और उसे कहा कि उसके साथ चल पड़े पर वो आदमी कहने लगा कोई बात नहीं तुम जाओ मुझे बचाने तो भगवान आयेंगे! तब वो नाव वाला भी वहां से चला गया!

    अब उस आदमी का पूरा घर डूबने वाला था तभी उसे सामने एक पेड़ नजर आया उसने पेड़ को पकड़ लिया थोड़ी देर बाद पानी का स्तर और बढ़ गया वह आदमी पेड़ पर बैठ कर भगवान को याद कर रहा था!

    तभी एक हेलीकाफ्टर आया और उसमें से एक सीढ़ी उस आदमी कि तरफ फेंक दी और कहा कि उसे पकड़ कर उस पर चढ़ जाये पर उस आदमी ने कहा कि कोई बात नहीं मैं ठीक हूँ! हेलीकाफ्टर वाले ने फिर कहा कि जल्दी आ जाओ, तो वो आदमी कहने लगा कि तुम जाओ मुझे बचाने तो भगवान आयेंगे! ऐसा सुनकर हेलिकाफ्टर वाला भी वहां से चला गया!

    आखिरकार वो आदमी पानी के बढ़ जाने से डूब गया और मर गया मरने के बाद स्वर्ग में भगवान के सामने पहुँच गया और बड़े गुस्से में भगवान से कहने लगा तुमने मुझे कहा था कि तुम मुझे हर मुसीबत से बचाओगे पर तुम ने मुझे डूबने दिया!

    तो भगवान ने कहा कि पहले मैंने तुम्हें बचाने के लिए एक नाव भेजी फिर दूसरी नाव भेजी और बाद में हेलीकाफ्टर भी भेजा इससे ज्यादा तुम और क्या चाहते थे!